ऐसे बचाएं अपनी त्वचा को प्रदूषण से
वायु प्रदूषण के कारण त्वचा को सांस लेना मुश्किल हो गया है और त्वचा रूखी होती जा रही हैं एवं इसमें जरूरी पोषक तत्व खत्म होते जा रहे हैं.
वायु प्रदूषण
वायु प्रदूषण एवं शरीर व त्वचा पर अंदर से बाहर तक इसके नुकसान वास्तविक हैं और इनसे बचने का कोई तरीका नहीं. हर बीतते दिन के साथ वायु प्रदूषण के व्यापक प्रभाव चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. वायु प्रदूषण के कारण त्वचा को सांस लेना मुश्किल हो गया है और त्वचा रूखी होती जा रही हैं एवं इसमें जरूरी पोषक तत्व खत्म होते जा रहे हैं.
हमारी त्वचा बाहरी तत्वों से हमारी रक्षा करती है. इस त्वचा पर पराबैंगनी किरणें, सिगरेट का धुआँ तथा विभिन्न मशीनों से निकलने वाला धुआं पड़ता है, जिसमें घुलनशील कार्बनिक कंपाउंड एवं एरोमैटिक हाईड्रोकार्बन और ओजोन होते हैं. हमारी त्वचा इस केमिकल्स एवं प्रदूषक तत्वों से हमारी रक्षा करती है. हालांकि यदि आप अपनी त्वचा को वायु प्रदूषण से नहीं बचाएंगे, तो हवा में मौजूद प्रदूषक तत्व विभिन्न समस्याएं पैदा कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:
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समयपूर्व बुढ़ापा
भूरे धब्बे
स्किन का असमान टोन
डिहाईड्रेशन
मुहांसे
एटोपिक डर्मेटिटिस
सोरियासिस
एक्जेमा
रोसाकिया
त्वचा का कैंसर
विविध वायु प्रदूषकों के कारण त्वचा अलग अलग तरह से प्रभावित होती है. उदाहरण के लिए नाईट्रोजन डाई आक्साईड एवं सल्फर डाई आक्साईड जैसे वायु प्रदूषक यूवीआर एवं यूवी रेडिएशन को फैला देते हैं, लेकिन स्माग में भी ये एक्टिव अवयव होते हैं, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाता है. वायु प्रदूषण का प्रभाव अनेक तत्वों पर निर्भर होता है, जैसे प्रदूषक तत्वों की प्रकृति क्या है और त्वचा वायु प्रदूषण के कितने संपर्क में है तथा उसकी इंटीग्रिटी क्या है. त्वचा की सुरक्षा प्रदान करने की क्षमता असीमित नहीं तथा पर्यावरण के तत्वों में निरंतर रहने से त्वचा की आत्मरक्षा की प्रणाली कम हो जाती है. परिणामस्वरूप, त्वचा प्राकृतिक एंटीऔक्सीडैंट बनाने की अपनी क्षमता खो देती है.
अच्छी बात यह है कि त्वचा पर वायु प्रदूषण के प्रभाव के आंकलन के लिए ज्यादा से ज्यादा शोध हो रही है और त्वचा को वायु प्रदूषण से बचाने तथा इसको हुए नुकसान को रिपेयर करने के तरीके मौजूद हैं.
वायु प्रदूषण में मौजूद कण बड़े होते हैं, इसलिए वो त्वचा को बेधकर अंदर नहीं जा पाते, लेकिन प्रदूषक तत्वों से जुड़े कैमिकल्स त्वचा को बेधकर अंदर जा सकते हैं और कोशिकाओं की जेनेटिक संरचना बदल सकते हैं. आप कुछ सहज विधियों से अपनी त्वचा की रक्षा कर सकते हैं और इसे युवा एवं निखरा स्वरूप फिर से प्रदान कर सकते हैं.
हाईड्रेट: प्रतिदिन ढेर सारा पानी पिएं और त्वचा को अंदर से हाईड्रेटेड रखें. हाईड्रेशन से त्वचा का लचीलापन बढ़ता है और त्वचा की प्राकृतिक सुरक्षात्मक गुणवत्ता बढ़ती है. हाईड्रेशन से विषैले तत्व शरीर से बाहर निकल जाते हैं.
प्रतिदिन स्क्रब करें: यदि आपको प्रतिदिन लंबे समय तक घर से बाहर रहना पड़ता है, तो आपको अपना चेहरा एवं त्वचा के हवा से संपर्क में रहने वाले हिस्सों को प्रतिदिन स्क्रब करना चाहिए. रोज 10 सेकंड तक स्क्रब करें, इससे आपकी त्वचा प्रदूषक तत्वों से होने वाले नुकसान को ठीक कर लेगी.
त्वचा को क्लींस करें और दो बार क्लींस करें: अपनी त्वचा को क्लींस किए बिना सोएं नहीं. पहले क्लीनिंग वाईप या मेकअप रिमूवर से त्वचा को साफ कर मेकअप, धूल व मिट्टी हटा लें. इसके बाद अपने चेहरे को क्लीनसर से धोएं और त्वचा पर मौजूद प्रदूषक तत्वों को हटा दें. बेहतर क्लीनिंग के लिए आप क्लीनसिंग ब्रश का इस्तेमाल कर सकते हैं.
त्वचा पर प्रोटेक्टेंट्स की परत चढ़ा दें: घर से बाहर निकलने से पहले अपनी त्वचा पर टोनर, मौईस्चराईजर एवं सनस्क्रीन की लेयर लगा लें. टोनर, मौईस्चराईजर एवं सनस्क्रीन बाहर निकलने से कम से कम 40 मिनट पहले लगाने चाहिए. हर 2 से 3 घंटे में सनस्क्रीन दोबारा लगाएं.
फेस पैक्स का इस्तेमाल करें: ऐसे फेस पैक्स का इस्तेमाल करें, जिनमें अवयव के रूप में एंटीऔक्सीडेंट मिले हों. फेस पैक्स रेडिकल्स को हटाते हैं और त्वचा को पोषण देकर उसमें सेहतमंद निखार लाते हैं.
मसाज: अपनी त्वचा को सप्ताह में एक बार कोकोनट औईल से मसाज करें और मसाज के बाद गुनगुने पानी से नहाएं. कोकोनट औईल की मसाज से त्वचा को आराम मिलेगा व यह क्लींस होगी.
अपनी आंखों को ब्लू लाईट से बचाएं: हमारी डिजिटल डिवाईसेस ब्लू लाईट उत्सर्जित करती हैं, जो आंखों व त्वचा के लिए बहुत नुकसानदायक है. तनाव कम करने के लिए अपनी डिवाईसेस यलो लाईट पर सेट करें.
अपने आहार में विटामिन बी3 शामिल करें: विटामिन बी3 धूल, धुएं और सिगरेट के धुएं के नुकसानों से बचने के लिए सर्वश्रेष्ठ अवयव है. अपनी दिनचर्या में विटामिन बी3 की सही खुराक जानने के लिए अपने डर्मेटोलाजिस्ट से संपर्क करें. विटामिन बी3 त्वचा की कोशिकाओं को होने वाले नुकसान को कम करता है, स्किन बैरियर को मजबूत करता है तथा यूवी से होने वाली क्षति को रिपेयर करता है.
उद्योगों के आसपास के इलाकों, सार्वजनिक धूम्रपान कक्ष से बचें एवं यदि आपको प्रदूषित हवा में रहना पड़े तो अच्छी क्वालिटी का एयर मास्क लेकर अपनी त्वचा की रक्षा करें. घर में एयर प्योरिफायर एवं वेंटिलेटर्स का उपयोग करें.
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क्या खरीदें
आप सही स्किन केयर उत्पाद की मदद से अपनी त्वचा को हवा के प्रदूषक तत्वों व उनके प्रभावों से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. ऐसे एंटीपौल्यूशन अवयव चुनें, जिनमें एंटीऔक्सीडेंट हों. सूदिंग अवयव प्रदूषण से होने वाली क्षति को न्यूट्रलाईज करते हैं तथा त्वचा की सतह से खोए एसेंशियल एलीमेंट्स का नवीकरण करते हैं.
यदि आपकी त्वचा पर वातावरण से क्षति हो रही है और आपको इसकी चिंता है, तो आपको अपनी स्किन के प्रकार तथा प्रतिदिन आपकी त्वचा को प्रभावित करने वाले वातावरण के कारकों के अनुकूल सही इलाज के लिए अपने डर्मेटोलाजिस्ट से संपर्क करना चाहिए. डर्मेटोलाॅजिस्ट इलाज की विविध विधियों, जैसे माईक्रोडर्माब्रेज़न, केमिकल पील्स एवं मेसोथेरेपी द्वारा त्वचा पर प्रदूषण के नुकसान को कम कर सकते हैं.
डा. रिंकी कपूर एक प्रतिष्ठित कास्मेटिक डर्मेटोलौजिस्ट एवं मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद और कोलकाता में स्थित द एस्थेटिक्स क्लिनिक्स की को-फाउंडर हैं. वो द एस्थेटिक्स क्लिनिक्स एवं फोर्टिस हास्पिटल्स, मुंबई में कंसल्टैंट डर्मेटोलौजिस्ट, कौस्मेटिक डर्मेटोलौजिस्ट एवं डर्मेटो-सर्जन हैं. वो कास्मेटिक डर्मेटोलौजी एवं लेज़र्स, अपोलो हास्पिटल्स, हैदराबाद की एक्स-हेड हैं.
उन्होंने डर्मेटोलाजी, डर्मेटो-सर्जरी एवं लेजर्स, नेशनल स्किन सेंटर, सिंगापुर में अपनी फैलोशिप की है और वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी स्कूल औफ मेडिसीन, सीए, यूएसए में विज़िटिंग फैलो हैं. वो ‘‘मार्किस हूज हू’’ का हिस्सा हैं और विविध एजेंसीज़ द्वारा ‘बेस्ट डर्मेटोलाजिस्ट इंडिया’ चुनी गई हैं.
Article Source – https://www.sarita.in/lifestyle/how-to-save-our-skin-to-pollution